माई स्थान सबुनी पोखरा के पुजारी का निधन ।
बिहार / बगहा
रामनगर । सबुनी पोखरा दुर्गा मंदिर के प्रधान पुजारी पं. बुद्धिकांत शर्मा का निधन सोमवार को उनके रामनगर नेपाली टोला आवास पर हो गया। उनके निधन की सूचना सुनते ही बड़ी संख्या में उनको जाननेवाले लोग उनके पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन करने के लिए उनके आवास पर पहुंचने लगें। वे 85 वर्ष के थे। पिछले एक सप्ताह से बिमार चल रहे थे। चार भाइयों में दूसरे नम्बर पर थे। वे बाल्यवस्था से ही माँ भगवती की पूजा अर्चना में लीन रहे। उन्होनें शादी नहीं की और मां दुर्गा की सेवा में आजीवन समर्पित भाव से लग रहे। उनकी शुरुआती पूजा – पाठ वाल्मीकिनगर में अवस्थित नरदेवी दुर्गा मंदिर से हुई। उसके बाद नगर में अवस्थित माई स्थान सबुनी पोखरा के प्रधान पुजारी बने। सन् 1972 ई. में चंपारण काँवर संघ का गठन हुआ जिसके वे संस्थापक सदस्य थे। माई स्थान सबुनी पोखरा भगवती की 53 वर्षों से पूजा – पाठ तथा इस क्षेत्र के सुख, शांति और समृद्धि के लिए अनुष्ठान करते रहे। वाल्मीकिनगर त्रिवेणी धाम से अब तक 53 बारप्रति वर्ष निरन्तर सावन माह में जल लाकर नीलकंठ नर्मदेश्वर महादेव को जलाभिषेक किये। पं. बुद्धिकांत शर्मा एक कुशल शिक्षक भी रहे हैं, उनके निधन पर उनके छात्र रहें वर्तमान में शिक्षक नीरज कुमार वर्मा ने गहरा दुख ब्यक्त किया है। उनके निधन से चम्पारण कांवर संघ के अध्यक्ष त्रि विक्रम शाह , महामंत्री अभय विक्रम शाह, रतन गुप्ता, हरिकिशन गुप्ता , चन्द्रमोहन शर्मा, दिलीप उपाध्याय, परमार्थ संस्थान के संस्थापक सह शिक्षक एवं संघ के प्रवक्ता दिनेश मुखिया, मनीष पाण्डेय उपमुखिया भावल, नगर परिषद सभापति प्रतिनिधि नागेंद्र साह, उपसभापति प्रतिनिधि सुजल सिंह, कमलेंद्र बहादुर सिंह, आचार्य दिनेश शुक्ल,दीलीप उपाध्याय, सुजीत कुमार सोनी, धनेश तिवारी शिक्षक, जितेंद्र साह , राजू गुप्ता, सोनू कुमार चौरसिया , कन्हैया साह आदि ने शोक व्यक्त किया है। सोमवार को ही रामनगर के रतनपुरवा घाट पर रामरेखा नदी के किनारे उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके भतीजे आदित्य शर्मा ने मुखाग्नि दी। उनके अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
